A Secret Weapon For shiv chalisa lyrics aarti

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

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